बंद दरवाज़ों के पीछे हमारे मन की फुसफुसाहटें
हमारे भीतर ऐसी जगहें होती हैं जजन्हें कोई नहीं देखता। ऐसी जगहें जहाँ खामोश विचार, छुपे हुए डर और अनकहे सपने रहते हैं। बींद दरवाज़ों के पीछे, मन कहानियाँ फुसफुसाता है कभी कोमल, कभी भारी। यह फुसफुसाहट हमें गढ़ती हैं और हमारे जीवन को दिशा देती हैं।
डॉ. कामाक्षी, काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट, EFT ट्रेनर और Enchanted Self Counselling Services की संस्थापक, इन फुसफुसाहट़ों को समझना अपना जुनून और अपना जीवन बना चुकी हैं। मनोविज्ञान में पीएचडी और 10 साल के अनुभव के साथ, उन्होंने अनगिनत लोगों को अपने छुपे हुए सच सामने लाने और उपचार की राह पर चलने में मदद की है।
अंदर की खामोश बातचीत
हर इंसान के मन में एक बातचीत चलती रहती है। कुछ दिन ये आवाज़ कहती है “तुम कर सकते हो।” और कुछ दिन यह आवाज़ डर से भर देती है “क्या होगा अगर तुम असफल हुए?”
ये बातें जुबान पर कम ही आती हैं, लेकिन ये हमारे फैसलों, रिश्तों और खुशियों को गहराई से प्रभावित करती हैं।
डॉ. कामाक्षी कहती हैं कि मजबूत दिखने वाले लोग भी भीतर से अकेलेपन, चिंता या आत्म-संदेह से जूझ रहे हो सकते हैं। इन्हें पहचानना मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल की पहली सीढ़ी है।
मुस्कान के पीछे छिपे संघर्ष

कितनी बार हमने ऐसी मुस्कान देखी है जो थकान छुपाती है? या ऐसी हंसी जो दर्द ढक लेती है? बहुत से लोग अंदर ही अंदर डर, ओवरथिंकिंग और अनसुलझे आघात से लड़ते रहते हैं, जिन्हें दुनिया कभी नहीं देख पाती।
डॉ. कामाक्षी के अनुसार “दर्द हमेशा चीखता नहीं, कई बार यह शांत मुस्कानों और मजबूत चेहरों के पीछे छुपा होता है।” यह समझ उन्हें मानसिक स्वास्थ्य की राह पर ले गई, जो सिर्फ पेशा नहीं बल्कि उनके लिए एक मिशन बन गया।
नाज़ुक होना ही असली ताक़त है
समाज हमें मजबूत रहने को कहता है, लेकिन असली ताक़त नाज़ुक होने में है। जब हम स्वीकार करते हैं “मैं संघर्ष कर रहा हूँ” या “मुझे मदद चाहिए” तो हम जुड़ाव और उपचार का रास्ता खोलते हैं।
डॉ. कामाक्षी मानती हैं कि नाज़ुक होना कमजोरी नहीं बल्कि साहस है। यह हमें मुखौटे उतारकर दूसरों से गहराई से जोड़ता है और हमें एहसास कराता है कि हम अकेले नहीं हैं।
मन की फुसफुसाहट सुनना क्यों ज़रूरी है
मन की फुसफुसाहट डराने के लिए नहीं होती, बल्कि हमें सुनने का संकेत देती है। इन्हें नज़रअंदाज़ करना बेचैनी, चिड़चिड़ापन और अनिद्रा जैसी समस्याओं को जन्म देता है। लेकिन ध्यान देने से ज़िंदगी बदल सकती है।
डॉ. कामाक्षी कुछ सरल उपाय सुझाती हैं:
• माइंडफुलनेस – बिना जजमेंट किए अपने विचारों को देखना।
• जर्नलिंग – उन भावनाओं को लिखना जिन्हें बोलना मुश्किल है।
• थेरेपी और काउंसलिंग – सुरक्षित माहौल में भावनाएं साझा करना।
• क्रिएटिव माध्यम – कला, संगीत या लेखन के ज़रिए खुद को व्यक्त करना।
ये अभ्यास फुसफुसाहटों को मार्गदर्शक आवाज़ों में बदल देते हैं, जो हमें शांति और मजबूती की ओर ले जाती हैं।
संघर्ष और उपलब्धियों की यात्रा
मनोवैज्ञानिक बनना आसान नहीं था। डॉ. कामाक्षी ने खुद संदेह, कठिन पढ़ाई और समाज की मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चुप्पी जैसी चुनौतियों का सामना किया। लेकिन हर संघर्ष ने उन्हें और मजबूत बनाया।
आज वह सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ही नहीं बल्कि एक अवॉर्ड-विजेता चेंज-मेकर भी हैं। उनकी उपलब्धियां हैं:
• बेस्ट एजुकेशनल काउंसलर – इंटरनेशनल एजुकेशन अवार्ड्स 2020
• इंडिया प्राइम वीमेन आइकन अवार्ड्स – Foxclues
• वुमन ऑफ द ईयर – SHEE सेरेमनी 2021
• शौर्य भारत सम्मान – TGHRF
• राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न अवार्ड्स – TGHRF
• बेस्ट साइकोलॉजिस्ट इन हरियाणा – ग्लोबल एक्सीलेंस फोरम भारत सम्मान 2025
• इंटरनेशनल आइकन अवार्ड्स 2025 – इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स
सिर्फ 31 साल की उम्र में, उन्हें Transforming Lives Through Mental Health Services का बुक ऑफ रिकॉर्ड भी मिला।
काम के पीछे की प्रेरणा
डॉ. कामाक्षी को रोज़ प्रेरित करता है इंसानियत। वह उन लोगों की हिम्मत से प्रभावित होती हैं जो चुपचाप अपने संघर्ष ढोते हैं। उनकी सबसे बड़ी खुशी तब होती है जब कोई खोई हुई उम्मीद वापस पाता है या लंबे दर्द के बाद फिर से मुस्कुराता है।
उनका सपना है ऐसे सुरक्षित समुदाय बनाना जहाँ मानसिक स्वास्थ्य को महत्व मिले, कलंक टूटे और हर व्यक्ति सुना, समझा और मूल्यवान महसूस करे।
संकेत जिन्हें नज़रअंदाज़ न करें
कभी-कभी मन हमें धीरे-धीरे चेतावनी देता है:
• ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
• लगातार बेचैनी या ओवरथिंकिंग
• बिना कारण मूड स्विंग या चिड़चिड़ापन
• नींद में परेशानी या सुबह चिंता के साथ उठना
ये असफलता नहीं, बल्कि संकेत हैं कि आपका मन देखभाल चाहता है। उम्मीद का संदेश
डॉ. कामाक्षी का काम उम्मीद पर आधारित है। वह मानती हैं कि हर बंद दरवाज़े के पीछे, हर छुपे संघर्ष में उपचार की संभावना होती है।
उनके शब्दों में “आपका मन रहस्य फुसफुसाता है डराने के लिए नहीं, बल्कि आपको खुद तक वापस ले जाने के लिए।”
बंद दरवाज़ों के पीछे आप टूटे नहीं हैं, बल्कि खूबसूरती से जटिल हैं। और करुणा, जागरूकता और समर्थन के साथ हर फुसफुसाहट आपको शांति और मजबूती की ओर ले जा सकती है।
डॉ. कामाक्षी के बारे में
डॉ. कामाक्षी
काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट | EFT ट्रेनर | मेंटल हेल्थ ब्लॉगर
संस्थापक – Enchanted Self Counselling Services, कुण्डली, सोनीपत, हरियाणा
अपॉइंटमेंट: +91 9991115590
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